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उत्तराखंड

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तीखे बयान

  • जनसंख्या: 7129939
  • पुरुष: 3378841
  • महिला: 3751098
  • लोकसभा सीटें: 5
  • राजधानी: देहरादून
  • चरण-1 (मतदान दर) : 57.85

एक नवम्बर 2000 को कई वर्षों के आंदोलन के बाद उत्तर प्रदेश के एक हिस्से को काटकर उत्तरांचल बनाया गया। सन् 2007 में इस राज्य का नाम उत्तराखंड कर दिया गया। देहरादून यहां की राजधानी है। हिंदू ग्रंथ और प्राचीन साहित्य की बात करें तो उत्तराखंड को देव भूमि कहा गया है। गंगा और यमुना जैसी पवित्र नदियों का उद्गम स्थल उत्तराखंड में ही है। बद्रीनाथ, केदारनाथ धाम और हरिद्वार जैसे तीर्थस्थल यहां की महान सांस्कृतिक विरासत को दिखाते हैं। यहां कुंमाऊं वशों का शासन काफी दिनों तक रहा। बाद में कुंमाऊंओं ने इस क्षे़त्र को ईस्ट इंडिया कंपनी के अधीन कर दिया। उत्तराखंड एक पहाड़ी राज्य है जहां वनस्पति और पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। यहां की खूबसूरती हर साल लाखों पर्यटकों को आकर्षित करती है। इसके अलावा यहां वन अभयारण्य भी है जहां हजारों प्रकार के जीव-जंतु पाए जाते हैं। यहां के लोगों का मुख्य पेशा हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योग है। साथ ही साथ पहाड़ों में उत्पन्न होने वाले कृषि उत्पाद भी यहां की आय के मुख्य स्रोत हैं। उत्तराखंड की कुल आबादी 10,086,292 है। उत्तराखंड हिंदू बहुल राज्य है, जहां हिंदुओं की आबादी लगभग 90 प्रतिशत है।

राज्य के गठन के बाद ही यहां विधानसभा के चुनाव हुए और नित्यानंद स्वामी राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने। अब तक राज्य में ज्यादा शासन भाजपा के ही हाथों में रहा है। भाजपा की तरफ से यहां भगत सिंह कोशयारी, भुंवन चंद्र खंडूरी, रमेश पोखरियाल शासन कर चुके हैं जबकि कांग्रेस की तरफ से नारायण दत्त तिवारी, विजय बहुगुणा और हरीश रावत यहां के सत्ता की शीर्ष पर रहे हैं। सन् 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 71 में से 57 सीटें जीतीं और त्रिवेंद सिंह रावत मुख्यमंत्री बने। कांग्रेस 11 सीटों पर सिमट गई। राज्य में लोकसभा की पांच सीटें हैं और 2014 में पांचों सीट भाजपा के खाते में आईं जबकि राज्य सभा की 3 सीटों में से दो कांग्रेस के पास हैं जबकि एक भाजपा के पास है। राज्य में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के ही बीच रहता है। सपा और बसपा अभी भी अपनी राजनीतिक जमीन तलाशने की कोशिश कर रही हैं।

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