बसपा का 'मिशन 2027' शुरू! मायावती की महारैली से वापसी का बिगुल

लंबे समय से बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती राजनीति से गायब नजर आ रही थी। अब खबर है कि सुश्री मायावती राजनीति में झंडा गढ़ने वाली है। कांशीराम की पुण्यतिथि पर मायावती की तैयारी शुरु हो चुकी है। सूत्रों का कहना है कि राज्य भर से समर्थकों को लाने-ले जाने के लिए लगभग 5,000 बसें किराए पर ली गई हैं - पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ और सहारनपुर से लेकर बुंदेलखंड और पूर्वांचल जिलों तक।
उत्तर प्रदेश बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की 9 अक्टूबर को पार्टी संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर होने वाली महारैली के लिए पूरी तरह तैयार है। हालांकि, बड़ा सवाल यह है कि क्या यह इस अवसर पर शक्ति प्रदर्शन मात्र है, या इसका कोई गहरा राजनीतिक संदेश है। इस तैयारी को लेकर महारैली का गहराई से विश्लेषण किया है कि कई वर्षों के बाद आयोजित हो रही यह रैली, बसपा और उसकी सुप्रीमो मायावती के लिए वास्तव में क्या मायने रखती है, क्योंकि राज्य 2027 के विधानसभा चुनावों की ओर बढ़ रहा है।
बीएसपी के बड़े शो से पहले राजधानी का रंग नीला हो गया
रैली की पूर्व संध्या पर, उत्तर प्रदेश की राजनीति का केंद्र लखनऊ, बसपा के नीले रंग में रंगा हुआ था। हर प्रमुख चौराहे पर मायावती और कांशीराम के बैनर लगे थे, जबकि वाहनों और नुक्कड़ों पर झंडे लहरा रहे थे। अवध बस स्टेशन से लेकर गोमती नगर तक, हर तरफ एक पार्टी के अपनी खोई हुई राजनीतिक पहचान को फिर से स्थापित करने की तैयारी के संकेत दिखाई दे रहे थे।
सैकड़ों समर्थकों के साथ पहुंचे आजमगढ़ के पार्टी कार्यकर्ता 58 वर्षीय कैलाश पासवान ने कहा, "ऐसा माहौल देखे हुए बरसों हो गए हैं। पिछली बार लखनऊ बहनजी (मायावती) की सरकार के दौरान इतना नीला हुआ था।"
बसपा संस्थापक की स्मृति में निर्मित मान्यवर कांशीराम जी स्मारक स्थल को लाखों लोगों के आने की उम्मीद के अनुरूप विशाल एलईडी स्क्रीन, अस्थायी मंच और हज़ारों कुर्सियों से सजाया गया है। लखनऊ जिला प्रशासन ने यातायात और भीड़ प्रबंधन के लिए व्यापक व्यवस्था की है, प्रमुख मार्गों पर मार्ग परिवर्तन की घोषणा की गई है और कार्यक्रम स्थल के अंदर और आसपास 1,500 से ज़्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ और सहारनपुर से लेकर बुंदेलखंड और पूर्वांचल के ज़िलों तक, राज्य भर से समर्थकों को लाने-ले जाने के लिए लगभग 5,000 बसें किराए पर ली गई हैं। कई लोग मंगलवार शाम से ही शहर के आसपास खुले मैदानों और धर्मशालाओं में डेरा डाले हुए हैं।
2027 के चुनाव के लिए कमबैक
अब कह सकते हैं कि मायावती उत्तर प्रदेश के चुनाव 2027 के लिए तैयारी कर रही है। चुनाव के लिए अभी से तैयारी शुरु होगी तभी जनता से वोट मांग पाएंगी। पिछले 10 साल से यूपी में बसपा का चुनावों में बुरा हाल रहा है। ऐसे में कहा जा सकता है कि मायावती चुनाव के कमबैक करती नजर आ रही है।