अरुणाचल प्रदेश की सरकारें
1975 में यहां सबसे पहला चुनाव हुआ और जनता पार्टी के प्रेम खांडू थुंगन पहले मुख्यमंत्री बने। उसके बाद से अब तक राज्य पर पिपुल्स पार्टी ऑफ़ अरुणाचल, अरुणाचल कांग्रेस और कांग्रेस का ही कब्जा रहा है। भाजपा 2003 में यहां सरकार बनाने में कामयाब हो पाई थी। वर्तमान में भी वहां पेमा खांडू के नेतृत्व में भाजपा की ही सरकार है। राज्य में स्थिर सरकार कम ही देखने को मिली है। यहां बड़ी पार्टियां छोटी पार्टी के विधायकों को आसानी से अपने पाले में कर लेती हैं जिससे यहां की सरकारें अस्थिर रहती हैं। राज्य में दो बार राष्ट्रपति शासन भी रहा है। पिछला राष्ट्रपति शासन काफी विवादों में रहा था। राज्य की राजनीतिक उथल-पुथल ऐसी है कि पहले पेमा खांडू 43 सत्तापक्ष विधायकों के साथ कांग्रेस छोड़कर पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल में शामिल हो गये और भाजपा के साथ सरकार बना ली। बाद में एक बार फिर से वे पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल के 33 विधायकों के साथ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए और सरकार का गठन कर लिया।
किस पार्टी का कितना दम
अरुणाचल प्रदेश में सियासी उथल पुतल लगातार रहती है। विधायक एक दल से दूसरे दल में आते जाते रहते हैं। हाल की स्थिति को देखें तो ऐसा लगता है कि राज्य में भाजपा का पलड़ा भारी है। राज्य में कांग्रेस की अच्छी पकड़ है। विधायकों के दल-बदल से यहां की परिस्थिति समय-समय पर बदलती रहती है। पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल वहां का क्षेत्रीय दल है।
वर्तमान राजनीतिक स्थिति
राज्य में 60 विधान सभा की सीटें हैं। भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन का 57 सीटों पर कब्जा है। भाजपा के पास 48, NPP के पास 7 और अन्य के पास 2 सीटें हैं। विपक्ष में 3 सीटों के साथ कांग्रेस है। राज्य में लोकसभा की दो सीटें हैं। पहला है अरुणाचल पश्चिम लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र और दूसरा है अरुणाचल पूर्व लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र। पश्चिम लोक सभा क्षेत्र से केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू सांसद हैं जबकि पूर्वी क्षेत्र पर कांग्रेस का कब्जा है। राज्यसभा की एक सीट पर कांग्रेस का कब्जा है।
' class='divstatedetail'>अरुणाचल प्रदेश यानी कि उगते सूर्य का पर्वत वाला प्रदेश। भारत के उत्तर पूर्वी क्षेत्र में स्थित यह प्रदेश अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए मशहूर है। यह राज्य म्यांमार, भूटान तिब्बत और चीन जैसे देशों से घिरा हुआ है। अरुणाचल प्रदेश पूरे तरीके से भारत का हिस्सा है पर आज भी उसके कुछ हिस्से पर चीन अपना दावा जताता है। अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर है और पूर्वोत्तर में यह सबसे बड़ा राज्य है। इसकी क्षेत्रफल 83,743 किमी है और यह राज्य 20 जिलों में बंटा हुआ है। यहां की आबादी 1,382,611 है। यह राज्य मुख्यत: कृषि प्रधान है जिस पर यहां की अर्थव्यवस्था टिकी हुई है। कृषि के अलावा यहां वन्य उत्पाद प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
इतिहास
अरुणाचल एक वन क्षेत्र था और वहां आसपास के लोग ही जा पाते थे। आधुनिक इतिहास की बात करें तो असम में ब्रिटिश शासन लागू होने के बाद यहां के बारे में लोगों के जानकारी मिलनी शुरू हुई। 1962 से पहले अरुणाचल प्रदेश को नार्थ ईस्ट फ्रंटियर एजेंसी- नेफा के नाम से जाना जाता था। संवैधानिक रूप से यह असम का हिस्सा था जिसकी प्रशासनिक देखभा....