लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सभी राजनीतिक दल जमकर पसीना बहा रहे हैं। फिलहाल दो चरणों के मतदान संपन्न हो गए हैं और अभी 5 चरण शेष हैं। तीसरे चरण का मतदान 07 मई को होना है। ऐसे में सभी पार्टियों का ज्यादा फोकस उत्तर प्रदेश की सीटों पर है। साल 2019 के चुनाव में भाजपा ने प्रचंड जीत हासिल की थी। इनमें से एक एटा लोकसभा सीट थी। एटा लोकसभा क्षेत्र को दिवंगत पूर्व सीएम कल्याण सिंह का गढ़ मानी जाती है।
हालाँकि अब वर्तमान समय में इस सीट के कुछ समीकरण जरूर बदले हैं। पिछले डेढ़ दशक से हाशिए पर बैठा विपक्ष इस सीट पर सेंध लगाने की जुगत में लगी है। वैसे इस सीट पर मुख्य मुकाबला समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच है। तो आइए जानते हैं एटा लोकसभा क्षेत्र का समीकरण...
समाजवादी पार्टी प्रत्याशी देवेश शाक्य़
इस बार भारतीय जनता पार्टी के सामने समाजवादी पार्टी मजबूती के साथ खड़ी है। क्योंकि यह सीट शाक्य बाहुल्य़ है। इस लिहाज से सपा ने इस सीट से देवेश शाक्य को चुनावी मैदान में उतारकर शाक्य मतदाताओं को अपनी ओर खींचने का प्लान बनाया है।
भाजपा प्रत्याशी राजवीर सिंह
वहीं भारतीय जनता पार्टी ने राजवीर सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है। बता दें कि राजवीर सिंह लोधी समाज से ताल्लुक रखते हैं। राजवीर सिंह भाजपा एटा से अपने और अटूट रिश्ते और कल्याण सिंह की दुहाई देकर वोट अपील कर रहे हैं। वर्तमान समय में इस सीट से पूर्व सीएम कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह सासंद हैं। 2019 में सपा और बसपा गठबंधन के प्रत्याशी को उन्होंने करारी शिकस्त दी थी।
बसपा प्रत्याशी मोहम्मद इरफान
बहुजन समाज ने इस सीट से मुस्लिम प्रत्याशी मोहम्मद इरफान को एटा लोकसभा क्षेत्र से उतारा है। बता दें कि बसपा ने मुस्लिम प्रत्याशी को इस सीट से उतारकर मुस्लिम और दलित वोटर्स को साधने की कोशिश की है। ऐसे में अगर बसपा प्रत्याशी इरफान मुस्लिम वोटर्स का वोट लेने में कामयाब रहते हैं, तो सपा का चुनावी गणित बिगड़ सकता है।