देर से शादी और अनहेल्दी खानपान के कारण लिविंग स्टाइल ने गर्भधारण करने में कई समस्याएं खड़ी कर दी हैं। जिसके चलते सामान्य गर्भधारण घटता जा रहा है। वहीं पेरेंट्स बनने की चाहत में न जाने कितने दंपति IVF का सहारा ले रहे हैं। ऐसे में पेरेंट्स बनने की चाह रखने वाले दंपति को गोवा सरकार ने बड़ी सौगात दी है। बता दें कि गोवा सरकार मुफ्त आईवीएफ उपचार देने की पहल करने जा रही है। गोवा भारत का पहला ऐसा देश है, जहां पर फ्री में आईवीएफ की सुविधा दी जाएगी।
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने गोवा मेडिकल कॉलेज बाम्बोलिम में सहायक प्रजनन तकनीक के साथ ही अंतगर्भाशयी गर्भाधान (आईयूआई) की सुविधा की शुरूआत की गई। जीएमसी के सुपर-स्पेशलिटी ब्लॉक में आई. वी. एफ. की सुविधा का लाभ लेने के लिए 100 माता-पिता पंजीकृत हो चुके हैं। मुख्यमंत्री सावंत ने बताया कि गोवा सरकार स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक के बाद एक उपलब्धि हासिल करने का काम कर रही है।
Free IVF की सुविधा
सीएम सावंत ने कहा कि विशेष देखभाल की जरूरत को पहचानते हुए सुव्यवस्थित प्रक्रिया स्थापित की गई है। प्रसूति और स्त्री रोग ओपीडी से एआरटी केंद्र में बांझपन के रोगियों को भेजा जाएगा। इस दौरान उन्हें निदान से उचित कार्य, परामर्श और उपचार दिया जाएगा। इस व्यापक दृष्टिकोण सुनिश्चित करेगा कि हर रोगी का व्यक्तिगत तौर पर ध्यान रखा जाए और उसकी उचित देखभाल की जाए।
गोवा में होते हैं हर साल 4300 प्रसव
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने बताया कि चिकित्सा विभाग हमेशा से देखभाल का एक व्यस्त केंद्र रहा है। चिकित्सा के माध्यम से कई रोगियों की जरूरतों को पूरा किया जाता है। उन्होंने बताया कि 19,000 ओपीडी मरीज हैं। हर साल 4300 प्रसव होते हैं। सीएम सावंत ने कहा कि हम अपनी आबादी के एक अन्य वर्ग- बांझपन के मरीजों की जरूरतों को पूरा कर एक कदम आगे बढ़ रहे हैं।
एक रुपया नहीं होगा खर्च
सीएम सावंत ने यह भी बताया गोवा सरकार स्नातकोत्तर नर्सों के वेतन की समीक्षा करने पर भी विचार कर रही है। मौके पर मौजूद स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने कहा कि जब लोग राज्य से इलाज के लिए बाहर जाते हैं, तो उनको सैर पर लेकर जाया जाता है। ऐसे में यह देश का पहला ऐसा अस्पताल बनने जा रहा है, जहां पर फ्री में IVF का इलाज किया जाएगा। इसका पैसा CSR के माध्यम से आएगा।