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'छत्तीसगढ़ के उद्योगों में मंडरा रहा कोयला संकट', कांग्रेस बोली- केंद्र सरकार लाखों लोगों की जीविका को कर रही प्रभावित

By LSChunav | Mar 28, 2023

छत्तीसगढ़ में उद्योगों पर कोयला संकट का खतरा मंडरा रहा है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने बताया कि सीएम भूपेश बघेल ने पीएम मोदी और कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी को कई बार को पत्र लिखा। जिसमें उन्होंने कि छत्तीसगढ़ के स्थानीय उद्योगों को प्राथमिकता से कोयला उपलब्ध कराने का आग्रह किया। सुशील आनंद ने बताया कि सीएम बघेल के पत्र लिखने के 8 माह बाद भी केंद्र सरकार ने प्रदेश के उद्योगों को कोयला उपलब्ध करवाने के लिए कोई फैसला नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के प्रति यह केंद्र सरकार का विरोधी रवैया है।

राज्य पर मंडरा रहा कोयला संकट
सुशील आनंद शुक्ला के अनुसार, हर साल छत्तीसगढ़ में 15 करोड़ टन से अधिक कोयले का प्रोडक्शन होता है। छत्तीसगढ़ कोल उत्पादन के मामले में देश में दूसरे स्थान पर है। उन्होंने बताया कि राज्य के कोयले का अधिकतर हिस्सा अन्य राज्यों में भेज दिया जाता है। स्टील उत्पादन के क्षेत्र में भी छत्तीसगढ़ देश के अग्रणी राज्यों में से है। राज्य में अनेक बड़ी स्टील उत्पादक इकाइयों के अलावा सैकड़ों छोटी इकाइयां भी मौजूद हैं। यह इकाइयां लाखों लोगों की जीविका चलाती हैं। सुशील आनंद शुक्ला ने बताया कि कोयले की कमी से राज्य के उद्योगों में बंद होने का संकट मंडरा रहा है।

केंद्र सरकार पर लगाया गंभीर आरोप
वहीं सुशील ने बताया कि वर्तमान में हर महीने राज्य के स्टील निर्माताओं को 60 लाख टन कोयला SECL द्वारा दिया जा रहा है। जबकि उनको महीने में करीब 1.50 करोड़ टन कोयले की आवश्यकता होती है। ऐसे में देश के प्रमुख कोयला उत्पादक राज्य को कोयला सप्लाई नहीं किया जा रहा है। यह लघु उद्योगों के लिए काफी दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय है। आनंद शुक्ला ने आरोप लगाते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के कोयले को दूसरे राज्यों में भेजने के लिये केंद्र सरकार ने राज्य की सवारी ट्रेनों को बंद कर दिया था। ट्रेनों के फेरों में कटौती की थी।

केंद्र सरकार से की यह मांग
उन्होंने बताया कि दूसरे राज्यों को बड़े आराम से कोयला की सप्लाई की जा रही है। लेकिन छत्तीसगढ़ में दिया तले अंधेरे जैसे हालात हैं। सुशील आनंद शुक्ला ने बताया कि हमारे उद्योग अपने ही राज्य में उत्पादित कोयले के लिये तरस रहे हैं। उन्होंने प्रदेश के भाजपा नेता और सांसदों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वह लोग इस मुद्दे पर बोलने की हिम्मत नहीं कर पा रहे हैं। सुशील आनंद ने केंद्र सरकार से इस परेशानी को जल्द से जल्द दूर किए जाने की मांग की है। ताकि यहां के नागरिकों को रोजगार के संकटों का सामना न करना पड़े।
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