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PM Vishwakarma Scheme: लाखों कारीगरों की बदल जाएगी किस्मत, कारीगरों के लिए वरदान साबित होगी पीएम मोदी की ये योजना

By LSChunav | Sep 07, 2023

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 16 अगस्त को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई थी। इस बैठक में 'पीएम विश्वकर्मा योजना' को मंजूरी दे दी गई है। पांच साल की अवधि वाली इस योजना में 13,000 करोड़ रुपये की वित्तीय लागत आई है। इस योजना से सुनारों, लोहारों, कपड़े धोने वाले श्रमिकों,  बुनकरों और नाई समेत पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लगभग 30 लाख परिवारों को लाभ मिलेगा। बता दें कि पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में इस फैसले को मंजूरी मिली है।

योजना से लाभ
बता दें कि 15 अगस्त के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना के बारे में बताया था। पीएम मोदी ने कहा था कि 17 सितंबर को विश्वकर्मा जयंती के मौके पर इस योजना को शुरू किया जाएगा।  पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत शिल्पकारों और कारीगरों को 'पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र' और आईडी कार्ड के जरिए पहचान दी जाएगी। वहीं इन लोगों को इस योजना के तहत 5 फीसदी रियायती ब्याज के साथ पहली किश्त के तौर पर 1 लाख रुपये और दूसरी किश्त के तौर पर 2 लाख रुपए की लोन सहायता दी जाएगा।

आधिकारिक बयान के मुताबिक कारीगरों और शिल्पकारों को स्किल अपग्रेडेशन के लिए टूल किट इंसेंटिव और डिजिटल लेन-देन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए मार्केटिंग सपोर्ट भी उपलब्ध करवाया जाएगा। संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट फैसलों जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना के तहत दो तरह के स्किल कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे। जिसमें बेसिक और एडवांस कार्यक्रम शामिल होंगे। लाभार्थियों को स्किल ट्रेनिंग के दौरान 500 रुपये का स्टाइपेंड दिया जाएगा। वहीं आधुनिक उपकरण खरीदने के लिए लाभार्थियों को 15 हजार रुपए की सहायता राशि दी जाएगी।

30 लाख परिवारों को कवर करने का लक्ष्य
संचार मंत्री ने मामले पर जानकारी देते हुए बताया कि इस पांच वर्ष की योजना के पहले वर्ष तहत 5 लाख परिवारों को कवर करने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं साल 2024 से 2028 तक यानी की 5 साल में 30 लाख परिवारों को कवर करने का लक्ष्य है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों को पारंपरिक तरीके से प्रैक्टिस दी जाएगी। इसके अलावा कारीगरों और शिल्पकारों के उत्पादों और सेवाओं की पहुंच और गुणवत्ता में सुधार करना इस योजना का उद्देश्य है। 

इस दौरान यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इस योजना के तहत घरेलू और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं के साथ इंटीग्रेटेड हों। इस योजना में जिन व्यापारियों को कवर किया जाएगा। इसमें नाव बनाने वाले, शस्त्र बनाने वाले, ताला बनाने वाले, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, बढ़ई, लोहार, नाई, माला बनाने वाले, हथौड़ा और टूल किट बनाने वाले, टोकरी-चटाई-झाड़ू बनाने वाले-कॉयर वीवर, पारंपरिक तौर पर गुड़िया, पत्थर तोड़ने वाले, मोची, राजमिस्त्री, खिलौने बनाने वाले, धोबी, दर्जी और मछली पकड़ने का जाल बनाने वाले शामिल हैं।
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