मणिपुर करीब पिछले एक महीने से हिंसा की आग में जल रहा है। लेकिन मणिपुर हिंसा की आग अब झारखंड के सियासी तापमान को बढ़ाने का काम कर रही है। झारखंड में सत्ताधारी दल जेएमएम की तरफ से मणिपुर में फैली हिंसा पर चिंता जताई गई है। झारखंड में सत्ताधारी दल जेएमएम मणिपुर की सरकार को बर्खास्त करने की मांग करने के साथ ही वहां पर राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने की मांग की जा रही है। जेएमएम के प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि मणिपुर में गृह युद्ध जैसे हालात बन रहे हैं।
सुप्रीयो भट्टाचार्य ने कहा कि मणिपुर में जो एंबुलेंस घायलों को अस्पताल लेकर जा रही थी, उसे उपद्रवियों द्वारा घेर लिया गया था। इस दौरान घायलों के साथ जा रहे SSB और असम राइफल्स वालों ने सुरक्षा दिए जाने की जगह वहां से भाग खड़े हुए। जिसके बाद युवक और उसके परिवार को जिंदा जला दिया गया। भट्टाचार्य ने गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि वह 31 मई को वह राज्य के दौरे पर से वापस लौटे हैं। उन्होंने राज्य में अपनी यात्रा के आखिरी दिन कहा था कि अब राज्य में हिंसा पूरी तरह से शांत हो गया था। लेकिन उन्होंने झूठ बोला था। गृहमंत्री के दौरे के बाद 85 गांवों को आग के हवाले कर दिया गया था।
उन्होंने आगे कहा कि मणिपुर में आदिवासी समाज के लोगों पर अत्याचार किया जा रहा है। राज्य को संविधान से कई विशेष दर्जा प्राप्त हुआ है। जिससे कि वह संरक्षित रह सके। सुप्रीया भट्टाचार्य ने आगे कहा कि देश में राष्ट्रपति भले ही आदिवासी समाज से बनाया गया है, लेकिन आदिवासी को खत्म करने के लिए बीजेपी कृत संकल्पित है। भट्टाचार्य ने कहा कि बीजेपी शाषत राज्य़ों में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चौपट है।
सुप्रियो ने कहा कि असम राइफल्स के चीफ मैती समाज से ताल्लुक रखते हैं। असम में मैती और जनजाति लोग एक-दूसरे के आमने-सामने हैं। ऐसे में इनको कौन रोकेगा। इस मामले में राजनीति करने से मामला शांत होने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस की मौजूदगी में लोगों की हत्या कर दी जा रही है। इसके बाद उन्होंने कहा कि पहले झारखंड में भी रघुवर शासन काल में ऐसा हाल था।