उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड और मिजोरम जैसे राज्यों के राज्यपाल रह चुके कुरैशी ने मुसलमानों के पक्ष में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जो मुस्लिमों के हित में बात करेगा, वह उनका वोट भी पाएगा। कुरैशी ने कहा कि मुस्लिमों का वोट किसी की जागीर नहीं है, बता दें कि मध्य प्रदेश के विदिशा में आयोजित एक अल्पसंख्यक समुदाय के कार्यक्रम में कुरैशी द्वारा यह बयान दिया गया। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं को आगे बढ़ाना होगा।
कुरैशी ने आगे कहा कि अल्पसंख्यक नेताओं से कहा कि समाज के लीडर आगे बढ़ जाते हैं। इसलिए उनका भी यह फर्ज बनता है कि वह अपने अल्पसंख्यक कौम की भलाई के लिए सोचें और काम करें। उनके बुरे वक्त में साथ दें। लेकिन जो उनके रहनुमा होते हैं, वह उन्हें आगे बढ़ाने का काम करते हैं। वहीं जब वह आगे बढ़ जाते हैं तो अपनी ही कौम के लोगों को परेशान करना शुरू कर देते हैं। लेकिन यह सरासर गलत है। क्योंकि जिसने आपको आगे बढ़ाने का काम किया है। आपको भी उनका साथ देना चाहिए।
पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी ने कहा कि अगर कांग्रेस अल्पसंख्यक लोगों की बात नहीं मानेगी। अगर कांग्रेस अल्पसंख्यकों के जटिल मुद्दों पर उनका साथ नहीं देगी तो मुस्लिम भी किसी के गुलाम नहीं है। उन्होंने कहा कि जो हमारा साथ देगा मुसलमान उसी को वोट देंगे। इसके साथ ही कांग्रेस को भी यह समझना होगा कि उन्हें मुसलमानों का वोट चाहिए तो उन्हें मुसलमानों के लिए काम भी करना होगा। कांग्रेस को मुसलमानों के मुद्दे पर बोलना होगा और उनका साथ देना होगा।
अल्पसंख्यक समुदाय के कार्यक्रम में कांग्रेस कमेटी के महामंत्री एडवोकेट साजिद अली और पूर्व महापौर भोपाल दीपचंद यादव सहित कई समेत कई अन्य नेता भी शामिल थे। कांग्रेस कमेटी के महामंत्री एडवोकेट साजिद अली ने कहा कि हमें कांग्रेस पार्टी को सपोर्ट करना चाहिए। जो हमारे साथ अल्पसंख्यक नेता हैं, वह पार्टी में बड़े पदों पर बैठे हैं। उन्हें उनका साथ देना चाहिए। सरकार के वरिष्ठ नेताओं के सामने अपने कौम की बात रखनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि समय-समय पर हम सभी अल्पसंख्यक नेताओं को एकत्र होकर पार्टी के बड़े लीडरशिप के सामने अपनी जायज मांगों को उठाना चाहिए। साजिद अली ने कहा कि जब तक हम एक नहीं होंगे, तब तक हमारी जायज मांगे पूरी नहीं होंगी। ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष राजा मियां पठान द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय का सद्भावना एवं एकता सम्मेलन का आयोजन किया गया था। बता दें कि यह इस तरीके का पहला अल्पसंख्यक समुदाय का कार्यक्रम था।