साल 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए बिहार में नामांकन प्रक्रिया खत्म हो चुकी है। बता दें कि पहले चरण में 19 अप्रैल को बिहार की नवादा सीट से मतदान होना हैं। ऐसे में सभी राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी रणनीति के साथ अपने उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा है। बिहार की नवादा लोकसभा सीट पर जहां भाजपा ने विवेक ठाकुर, तो वहीं RJD ने श्रवण कुमार कुशवाहा पर भरोसा जताया है। वहीं भोजपुरी गायक गुंजन सिंह ने निर्दलीय नामांकन कर मुकाबले इस सीट से मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने का प्रयास किया है।
बीजेपी प्रत्याशी विवेक ठाकुर
आपको बता दें कि नवादा सीट से चुनावी मैदान में उतरे विवेक ठाकुर राज्यसभा सांसद हैं। हांलाकि यह उनका पहला लोकसभा चुनाव है। लेकिन उन्हें राजनीति विरासत में मिली है। क्योंकि विवेक ठाकुर के पिता डॉ. सीपी ठाकुर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं। वह वर्तमान में राज्यसभा सांसद हैं। इसके अलावा उनके खिलाफ को भी आपराधिक मामला भी नहीं दर्ज है। वह कृषि, उद्योग और समाजसेवा से जुड़े हैं।
भारतीय जनता युवा मोर्चा से विवेक ठाकुर ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत की थी। वहीं 28 साल के राजनीतिक जीवन में वह भाजपा में विभिन्न पदों पर रह चुके हैं। बता दें कि विवेक भाजयुमो के प्रदेश उपाध्यक्ष और राष्ट्रीय कार्य समिति के भी सदस्य रह चुके हैं। वह गुजरात, हिमाचल प्रदेश और पश्चिम बंगाल के प्रभारी रहे हैं।
RJD प्रत्याशी श्रवण कुशवाहा
नवादा लोकसभा सीट से आरजेडी के पुराने नेता श्रवण कुशवाहा मैदान में हैं। इससे पहले वह विधानसभा और विधानपरिषद का भी चुनाव लड़ चुके हैं। लेकिन दोनों बार श्रवण कुशवाहा को हार का सामना करना पड़ा था। दोनों चुनावों में हार मिलने के बाद भी उनको आरजेडी से टिकट मिला है, तो इसकी वजह है कि उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल को मजबूत करने का काम किया है। श्रवण ने पार्टी में रहकर बेहतर काम किया था। जिसके चलते उन्हें टिकट के रूप में आरजेडी की तरफ से उपहार मिला है। बता दें कि श्रवण कुशवाहा ने साल 2001 राजनीति की शुरुआत की थी। 2001 में ही वो मुखिया बने और वह कुशवाहा समाज से ताल्लुक रखते हैं।
निर्दलीय से उतरे भोजपुरी गायक गुंजन कुमार
भोजपुरी के प्रख्यात लोक गायक और कई एल्बम बना चुके गुंजन कुमार भी नवादा सीट से निर्दलीय से चुनाव लड़ रहे हैं। बता दें कि भोजपुरी गायक गुंजन कुमार विगत कुछ सालों से नवादा की राजनीति में सक्रिय हैं। उन्होंने नवादा से चुनाव लड़ने के लिए कई राजनीतिक दलों से संपर्क किया था। लेकिन टिकट न मिलने पर उन्होंने निर्दलीय से नामांकन कर नवादा लोकसभा सीट से त्रिकोणीय मुकाबला बनाने की कोशिश की है।