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Haryana Economy: GSDP ग्रोथ में पंजाब से आगे निकला हरियाणा, राज्य में तीन फीसदी से नीचे राजकोषीय घाटा

By LSChunav | Nov 22, 2023

आज से करीब 53 साल पहले पंजाब से अगल होकर हरियाणा के रूप में उभरे हरियाणा को देश के नक्शे में जगह मिली। वहीं हरियाणा ने जीडीपी के मामले में पंजाब को पीछे छोड़ दिया है। फिर चाहे बात प्रति व्यक्ति आय की हो या राजकोषीय घाटे की। दोनों ही मामलों में पंजाब से हरियाणा काफी बेहतर स्थिति में है। बता दें कि हरियाणा राज्य जीएसडीपी ग्रोथ के मामले में भी पंजाब से एक कदम आगे चल रहा है।

आपको बता दें कि किसी भी राज्य के विकास की गति को मापने के लिए उसकी जीएसडीपी (राज्य का कुल घरेलु उत्पाद) को प्रमुख सूचक माना जाता है। जब साल 1966 में हरियाणा राज्य का गठन हुआ था, तो उस दौरान राज्य की जीडीपी सिर्फ 332 करोड़ थी। वहीं उस दौरान पंजाब राज्य की जीडीपी 570 करोड़ थी। बीते 53 सालों में हरियाणा और पंजाब दोनों ही राज्यों ने आर्थिक तरक्की की ऊंचाइयों को छुआ है। लेकिन अगर जीडीपी ग्रोथ की बात करें तो हरियाणा वर्तमान समय में पंजाब से दो कदम आगे खड़ा दिखाई दे रहा है।

जहां वित्त वर्ष 2019-20 में पंजाब की अनुमानित जीएसडीपी करीब 5.77 लाख करोड़ थी। तो वहीं हरियाणा राज्य की अनुमानित जीएसडीपी 7.84 लाख  करोड़ पहुंच गई है। वहीं साल 2018 में पंजाब की जीडीपी का ग्रोथ 6.2 फीसदी तो हरियाणा की जीडीपी ग्रोथ 7.2 रहा। हरियाणा का राजकोषीय घाटा भी 3 फीसदी से नीचे हैं। लेकिन पंजाब का राजकोषीय घाटा तीन फीसदी से ऊपर है। बता दें कि 3 फीसदी से नीचे राजकोषीय घाटा स्वस्थ अर्थव्यवस्था का सूचक माना जाता है। 

इसके अलावा हरियाणा वासियों की प्रति व्यक्ति आय भी पंजाब से ज्यादा है। हरियाणा राज्य में साल 2017-18 में प्रति व्यक्ति आय 2.03 लाख थी। तो वहीं उस दौरान पंजाब में प्रति व्यक्ति आय 1.41 लाख रुपए अनुमानित थी। इसके साथ ही रोजगार गारंटी योजना के तहत मजदूरी देने में हरियाणा देश के टॉप पर काबिज है। जहां हरियाणा में मनरेगा मजदूरों को 284 रुपये की मजदूरी दी जा रही है, तो वहीं पंजाब में मजदूरों को 241 रुपये की मजदूरी दी जाती है।
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