लोकसभा चुनाव 2024 अपने अंतिम दौर की तरफ बढ़ रहा है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के जालौन में 20 मई को पांचवे चरण का मतदान होगा। जालौन लोकसभा सीट तीन जिलों कानपुर देहात, जालौन और झांसी को मिलाकर बनी है। यह एक सुरक्षित सीट है। बता दें कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में जालौन संसदीय सीट पर सिर्फ 5 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरे थे। लेकिन इस सीट पर मुख्य मुकाबला बीजेपी और बसपा के बीच था। वहीं चुनाव में अंत में यह सीट भाजपा के खाते में आई थी।
भाजपा प्रत्याशी भानू प्रताप सिंह वर्मा
जालौन लोकसभा सीट से बीजेपी ने एक बार फिर भानू प्रताप सिंह वर्मा पर दांव लगाया है। साल 2004 में केंद्र की अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार सत्ता से बाहर हो गई है। तब भी उस चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी भानू प्रताप सिंह वर्मा को जीत हासिल हुई थी। वहीं साल 2014 और 2019 के चुनाव में यहां से भानू प्रताप ने जीत को बरकरार रखा। ऐसे में एक बार फिर भाजपा ने भानू प्रताप सिंह वर्मा को अपना उम्मीवार बनाया है। इस सीट पर उनका जबरदस्त प्रभाव है।
सपा-कांग्रेस प्रत्याशी नारायण दास अहिरवार
जालौन सीट से सपा-कांग्रेस ने नारायण दास अहिरवार को मैदान में उतारा है। अहरिवार बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक सदस्य रहे हैं। वह साल 2007 से लेकर 2011 तक मायावती सरकार में मंत्री थे। लेकिन साल 2022 में अहरिवार ने समाजवादी पार्टी ज्वॉइन कर ली। वैसे तो इस सीट पर बसपा का अच्छा-खासा वोट बैंक है। ऐसे में सपा ने नारायण दास अहिरवार को चुनावी रण में उतारकर बसपा के कोर वोट बैंक में सेंध लगाकर इस मुकाबले को टक्कर का बना रही है।