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Kalahandi Lok Sabha Seat: कालाहांडी सीट ने हर बार नए सांसद का किया चुनाव, क्या इस बार बदलेगा रिवाज

By LSChunav | May 09, 2024

ओडिशा लोकसभा चुनाव को लेकर जोरदार चुनावी माहौल बना हुआ है। ओडिशा में लोकसभा के साथ ही विधानसभा चुनाव भी करवाए जा रहे हैं। राज्य में नवीन पटनाटक के नेतृत्व वाली बीजू जनता दल फिर से सत्ता पर पकड़ बनाए रखने की जद्दोजहद में जुटी है। तो वहीं भारतीय जनता पार्टी राज्य में कमल खिलाने का प्रयास कर रही है। राज्य की कालाहांडी लोकसभा सीट काफी अहम सीट मानी जाती है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से भाजपा के बसंत कुमार पांडा ने जीत हासिल की थी। लेकिन इस सीट की खासियत यह है कि यहां का चुनाव परिणाम हर बार बदलता रहता है।

इस बार भी कालाहांडी लोकसभा सीट से बीजू जनता दल, कांग्रेस और भाजपा ने इस क्षेत्र में अपने उम्मीदवारों के नाम के ऐलान के साथ ही क्षेत्र के विकास का वादा किया है। तीनों राजनीतिक दलों ने इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए लोकसभा चुनाव के लिए नए चेहरे उतारे हैं। क्योंकि कालाहांडी क्षेत्र ने पिछले तीन संसदीय चुनाव में अपने लिए हर बार नए सांसद का चुनाव किया है। बता दें कि भाजपा ने इस क्षेत्र से मालविका केशरी देव को चुनावी मैदान में उतारा है, तो वहीं बीजद ने लंबोदर नियाल और कांग्रेस ने आदिवासी प्रत्याशी द्रौपदी माझी पर दांव लगाया है। इस सीट पर 13 मई को मतदान होने हैं। 

बीजेपी प्रत्याशी मालविक केशरी देवी
आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने इस बार यहां के मौजूदा सांसद का टिकट काटकर मालविका केशरी देव को अपना प्रत्याशी बनाया है। मालविका केशरी राज परिवार से ताल्लुक रखती हैं। वहीं शाही परिवार के सदस्य 9 बार यहां से सांसद रह चुके हैं। शाही परिवार से ताल्लुक रखने वाली मालविका को भी अपनी जीत पर पूरा भरोसा है। 

बीजद प्रत्याशी लंबोदर नियाल
सत्तारूढ़ दल बीजद ने रणनीतिक रूप से 54 वर्षीय नेता लंबोदर नियाल को प्रत्याशी बनाया है। नियाल सक्रिय रूप से जमीनी स्तर पर संगठित होने में लगे रहे। वह ओबीसी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। वहीं दो विधानसभा चुनाव में नियाल को हार का सामना करना पड़ा। वर्तमान में नुआपाड़ा जिले में बीजद के महासचिव के रूप में कार्यरत हैं।

कांग्रेस प्रत्याशी द्रौपदी माझी
वहीं कांग्रेस ने आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वाली द्रौपदी माझी को अपना उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस ने माझी को चुनावी मैदान में उतारकर आदिवासी और दलितों का वोट अपनी तरफ खींचने की कोशिश की है। द्रौपदी माझी पहले सरपंच और फिर जिला परिषद सदस्य भी रह चुकी हैं। उन्होंने भाजपा और बीजद पर कड़ा हमला बोलते हुए कहा कि दोनों दलों ने विकास के नाम पर लोगों के साथ धोखा किया है।
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