सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने भी मुहर लगा दी है। इस फैसले के बाद युद्ध क्षेत्र को छोड़कर बाकी सभी इलाकों में केंद्र सरकार महिला अधिकारियों को स्थायी कमान देने के लिए बाध्य है। क्योंकि महिलाओं को सामाजिक और मानसिक कारण बताकर इस अवसर से वंचित करना न केवल भेदभावपूर्ण है, बल्कि अस्वीकार्य भी है।
जानिए क्या है स्थायी कमीशन
बता दें कि स्थायी कमीशन देने का मतलब है कि महिला सैन्य अधिकारी रिटायरमेंट की उम्र तक सेना में काम कर सकती हैं। हांलाकि वह चाहें तो इससे पहले भी जॉब से इस्तीफा दे सकती हैं। शार्ट सर्विस कमीशन के तहत अब तक सेना में नौकरी कर रही महिला सैन्य अधिकारियों को अब स्थायी कमीशन चुनने का ऑप्शन दिया जाएगा। महिला अधिकारी स्थायी कमीशन के बाद पेंशन की भी हकदार हो जाएंगी।
इन विभागों में मिलेगा स्थायी कमीशन
महिला अधिकारियों को सेना शिक्षा कोर, सिग्नल, इंजीनियर, न्यायाधीश एडवोकेट जनरल, आर्मी एविएशन, आर्मी एयर डिफेंस, आर्मी सर्विस कॉर्प्स, आर्मी ऑर्डिनेंस कॉर्प्स इलेक्ट्रॉनिक्स व मैकेनिकल इंजीनियर और इंटेलिजेंस कोर में स्थायी कमीशन दिया जाएगा।
पहले दो कोर में मिलता था स्थायी कमीशन
पहले सेना में कार्यरत महिला अधिकारियों को सिर्फ न्यायाधीश एडवोकेट जनरल और सेना शिक्षा कोर में स्थायी कमीशन दिया जाता था। हांलाकि बाद में समय-समय पर इनकी संख्या में बढ़ोतरी की गई। अब भी महिलाओं को युद्ध क्षेत्र में तैनाती नहीं दी जाएगी।
शॉर्ट सर्विस कमीशन
शॉर्ट सर्विस कमीशन के माध्यम से भारतीय सैन्य सेवा में महिला अधिकारियों की भर्ती की जाएगी। इस भर्ती के बाद वह 14 साल तक सेना में नौकरी कर सकती हैं। फिर 14 साल के बाद उन्हें रिटायरमेंट दे दिया जाता है। क्योंकि 20 सालों तक नौकरी नहीं कर पाने की वजह से महिलाओं को रिटायरमेंट के बाद पेंशन नहीं दी जाती है।
शार्ट सर्विस कमीशन के नियम-कानून
समय-समय पर सेना में शार्ट सर्विस कमीशन के नियम कानून बदलते रहे। इससे पहले महिलाएं सिर्फ 10 साल तक ही नौकरी कर पाती थीं। लेकिन सातवें वेतन आयोग में महिलाओं की नौकरी की अवधि को बढ़ाकर 14 साल कर दिया गया।
शार्ट सर्विस कमीशन के नुकसान
शार्ट सर्विस कमीशन के द्वारा महिला अधिकारियों को सेना में 14 साल की नौकरी करने के बाद सबसे ज्यादा मुश्किल रोजगार मिलने की होती है। वहीं महिलाओं को पेंशन सुविधा भी नहीं मिलने के कारण इनके सामने आजीविका का संकट खड़ा हो जाता है। इसके अलावा भी कई सुविधाएं महिलाओं को नहीं मिलती हैं।
क्यों शुरू हुआ शॉर्ट सर्विस कमीशन
शार्ट सर्विस कमीशन शुरू करने का मुख्य मकसद अधिकारियों की कमी से जूझ रही सेना की सहायता करना था। इसके माध्यम से सेना में बीच के स्तर पर अधिकारियों की नियुक्ति की जाती है।