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चुनाव से पहले समझिये तमिलनाडु का समीकरण, किन पार्टियों का किसके साथ है गठबंधन

By LSChunav | Mar 18, 2021

तमिलनाडु विधानसभा की 234 सीटों के लिए 6 अप्रैल को एक ही चरण में चुनाव होना है। तमिलनाडु के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने सत्तारूढ़ ऑल इंडिया द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। अन्नाद्रमुक ने विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा को 20 सीटें और कन्याकुमारी लोकसभा सीट आवंटित की है। इसके साथ ही कुछ दिन पहले, अन्नाद्रमुक ने पट्टल मक्कल काची (पीएमके) के साथ सीटों के बंटवारे पर सहमति बनाई थी। इसके तहत एस रामदास की पार्टी पीएमके 23 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। अभी तक की सूचना के मुताबिक अन्नाद्रमुक ने पहली सूची में छह उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया था। पार्टी कुल 177 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि उसके गठबंधन सहयोगी 43 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे। वहीं, 14 सीटों पर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा नहीं की गई है। 
 वहीं, एआईएडीएमके को सत्ता से बाहर करने के लिए द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक या डीएमके) ने कांग्रेस, वाम दलों, एमडीएमके, वीसीके सहित कई छोटे दलों के साथ गठबंधन किया है। डीएमके एक क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टी है, जो विशेष रूप से तमिलनाडु और केंद्र शाषित प्रदेश पुडुचेरी में है। यह वर्तमान में तमिलनाडु में विपक्षी पार्टी है और भारतीय राजनीतिक मोर्चा संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) का हिस्सा है। डीएमके एक द्रविड़ियन पार्टी है, जो सीएन अन्नादुराई और पेरियार ईवी रामासामी के सामाजिक लोकतांत्रिक और सामाजिक न्याय सिद्धांतों का पालन करती है। पेरियार ईवी रामासामी की अध्यक्षता में द्रविड़ कषगम (1944 तक जस्टिस पार्टी के रूप में विख्यात) के रूप में अन्नादुराई द्वारा 1949 में इसकी स्थापना की गई थी। पार्टी का चुनाव चिह्न उगता हुआ सूरज है। दिग्गज नेता एम। करुणानिधि 1969 में डीएमके के प्रमुख बने और 7 अगस्त 2018 में अपनी मृत्यु तक वे इस पद पर रहे। करुणानिधि पांच बार राज्य के मुख्‍यमंत्री रहे। कांग्रेस के बाद, द्रमुक ऐसी पहली पार्टी थी, जिसने राज्य में अपने बूते बहुमत हासिल किया। 1996 में डीएमके ने 11वीं विधानसभा के लिए सीपीआई और तमिल मनीला कांग्रेस के साथ गठबंधन कर 234 में से 225 सीटें जीतीं। 2006 में एक बार फिर डीएमके ने कांग्रेस और पीएमके के साथ मिलकर सत्ता हा‍सिल की। तब इस गठबंधन को 163 सीटें मिलीं। इनमें डीएमके ने 96, कांग्रेस ने 34 और पीएमके ने 18 सीटों पर जीत हासिल की थी।। डीएमके 1999 से 2004 तक एनडीए का हिस्सा रह चुकी है, जबकि वर्तमान में यह यूपीए का हिस्सा है। डीएमके, तमिलनाडु की प्रमुख पार्टियों में से एक है। हालाँकि, डीएमके और करुणानिधि पर परिवारवाद के आरोप लगते रहे हैं। करूणानिधि की मृत्यु के बाद फिलहाल, उनकी विरासत को उनके बेटे एमके स्टालिन बढ़ा रहे हैं। स्टालिन ने आगामी विधानसभा चुनावों में कोलाथुर सीट से लड़ने का फैसला किया है। जबकि, उनके बेटे उदयनिधि चेपक सीट से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत करने जा रहे हैं।
 

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अप्रैल में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 25 सीटों से चुनाव लड़ेगी। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी), कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया और वीसीके को 6-6 सीटें मिली हैं। वहीं, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग और कोंगुनाडु मुन्नेत्र कझगम 3-3 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। वहीं, मणिथनेय मक्कल काछी (एमएमके) 2 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इसके अलावा टीएमके, द फॉर्वर्ड ब्लॉक, एटीपी और एमवीके एक-एक सीट पर चुनाव लड़ेंगे।
वहीं, आगामी विधानसभा चुनावों की सरगर्मियों के बीच अभिनेता कमल हासन ने भी ताल ठोक दी है। कमल हासन की पार्टी मक्कल निधि मैय्यम ने घोषणा की है कि इस बार अभिनेता भी चुनावी मैदान में उतरेंगे। पार्टी की तरफ से कहा गया है कि कमल हासन, कोयंबटूर साउथ से चुनाव लड़ेंगे।
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