अगले सप्ताह राजस्थान में पांच नगर निगमों सहित 49 शहरी निकायों के निर्वाचित प्रतिनिधियों का कार्यकाल पूरा हो जाएगा। इस बीच राज्य सरकार वन स्टेट, वन इलेक्शन की घोषणा करने की तैयारी का दावा कर रही है। इतना ही नहीं, राज्य निर्वाचन आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) को दिशा-निर्देश जारी कर चुनाव की तैयारी शुरु कर दी है।
राज्य निर्वाचन आयोग ने फिलहाल स्थिति के अनुसार मतदाता सूची तैयार करने, मतदान केन्द्र चिन्हित करने और चुनाव कार्य के लिए कर्मचारियों की नियुक्ति करने का निर्देश दिया है। वहीं, नए जिलों पर सरकार निर्णय लेगी। हालांकि, राज्य निर्वाचन आयोग चुनावी कार्य के लिए नए जिलों को पहलो ही मान्यता मिल गई।
समस्या क्या है
दो महीने पहले नगरीय विकास राज्य मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा था कि साल 2024 में जहां निकायों का कार्यकाल समाप्त होने वाला होगा। साल 2025 में पूरे प्रदेश में एक साथ निकाय चुनाव कराए जाएंगे।
नगरीय विकास राज्य मंत्री झाबर सिंह खर्रा के बयान पर अटकलें लग रही है कि अगले चुनाव तक प्रशासकों की नियुक्ति होगी। नवंबर में कार्यकाल पूरा होने वाले 49 निकायों को लेकर सरकार ने अभी तक कोई निर्णय नहीं किया।
इन निकायों में बोर्ड का कार्यकाल पूरा हो चुका
- नगर निगमः बीकानेर, अलवर, भरतपुर, पाली, उदयपुर
-नगर परिषद : श्रीगंगानगर, सिरोही, टोंक, सीकर, नीमकाथाना, डीडवाना, मकराना, फलौदी, जैसलमेर, झुंझुनूं, हनुमानगढ़, जालौर, बालोतरा, बाड़मेर, चित्तौड़गढ़, चूरू, भिवाड़ी, पुष्कर, बांसवाड़ा, ब्यावर
- नगर पालिका: राजगढ़, सूरतगढ़, नसीराबाद, थानागाजी, महवा, खाटूश्यामजी, माउंट आबू, पिंडवाड़ा, शिवगंज, बिसाऊ, पिलानी, सुमेरपुर, कानोड़, परतापुर गढ़ी, निंबाहेड़ा, रावतभाटा, नाथद्वारा, आमेट, रूपवास, भीनमाल, कैथून, सांगोद, छबड़ा, मांगरोल
सरकार चाहती है एक साथ चुनाव हो
अगर सरकार की मंशा एक राज्य- एक चुनाव की है, तो इसी आधार पर विधि विभाग को राय के लिए पत्र भेजा है। राज्य निर्वचान आयोग से चुनाव को लेकर अभी पत्राचार नहीं हुआ है। हो सकता है सामान्य रुप से आयोग काम कर रहा हो।