मोदी सरकार के नेतृत्व में भारतीय रेलवे में अभूतपूर्व बदलाव देखा गया है। बता दें कि 8 जुलाई 2021 से नई दिल्ली में अश्विनी वैष्णव रेल मंत्री के रूप में कार्यभार संभाल रहे हैं। आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के साथ ही कनेक्टिविटी में सुधार और मजबूत रेलवे नेटवर्क के लिए मोदी सरकार ने कई अहम और महत्वकांक्षी योजनाओं की शुरूआत की है। पैसेंजर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने और ऑपरेशनल कैपेसिटी को बढ़ाने के लिए मोदी सरकार ने रेलवे के बुनियादी ढांचे के एडवांसमेंट पर फोकस किया है। पुराने उपकरणों को अत्याधुनिक तकनीक से बदल दिया गया है। जिससे रेल दुर्घटनाओं में भी काफी कमी दर्ज की गई। जिसकी वजह से रेलवे के समग्र सुरक्षा रिकॉर्ड में सुधार हुआ है।
हाई-स्पीड रेल
केंद्र की मोदी सरकार देश में हाई-स्पीड रेल लेकर आई। जापान के सहयोग से मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना और इंटरसिटी यात्रा में रिवोल्यूशन लाने के लिए तैयार है। जिससे दोनों शहरों के बीच की यात्रा का समय बेहद कम होगा। यह तकनीकी भारत की प्रगति के प्रति प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है। साथ ही अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों के साथ संबंधों में भी मजबूती प्रदान करती है।
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर
मोदी सरकार की यह योजना मील का पत्थर साबित हुई। पश्चिमी डीएफसी और पूर्वी डीएफसी, गुड्स को हाई-स्पीड कॉरिडोर के जरिए सही तरीके से ट्रांसपोर्ट करने और मौजूदा रेलवे लाइनों पर भीड़ कम किए जाने के लिए डिजाइन किया गया है। पूरे देश में गुड्स ढुलाई की निर्बाध आवाजाही को सुगम बनाने के साथ ही अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए कॉरिडोर बनाया गया है।
बुनियादी ढांचे का हुआ विकास
देश भर में मोदी सरकार ने रेलवे के बुनियादी ढांचे के विस्तार के साथ ही आधुनिकीकरण को भी प्राथमिकता दी गई है। कई विद्युतीकरण परियोजनाएं, नई रेलवे लाइनें और दोहरीकरण किए गए हैं। जो असंबद्ध क्षेत्रों को जोड़ने का काम करती है और मौजूदा मार्ग में भीड़भाड़ को कम करती है। इसके साथ ही मोदी सरकार ने भारतमाला परियोजना और सागरमाला परियोजनाएं शुरू की हैं।
डिजिटल पहल
केंद्र की मोदी सरकार ने डिजिटल युग को गले लगाते हुए पैसेंजर्स के अनुभव को बढ़ाने और संचालन को सिस्टमेटिक करने के लिए कई पहलें शुरू की हैं। भारतीय रेलवे ने पर्यटन निगम की वेबसाइट, खानपान और मोबाइल ऐप की शुरुआत से टिकट बुकिंग को आसान बना दिया है। जिससे टिकट काउंटरों पर फिजिकल एक्टिविटी की निर्भरता कम हो गई है। इसके अलावा रेलवे स्टेशनों को वाईफाई की सुविधा से लैस कर उन्हें डिजिटल हब में बदल दिया है।