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सचिन पायलट ने अपनी सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, पोस्टर से गायब कांग्रेस नेता, जानिए क्या हैं सियासी मायने

By LSChunav | Apr 11, 2023

राजस्थान में इन दिनों सियासी घमासान मचा हुआ है। राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने अपनी पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने सरकार के खिलाफ अनशन शुरू कर दिया है। बता दें कि कांग्रेस ने वसुंधरा सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। लेकिन मामले की जांच और कार्रवाई न होने के कारण गहलोत सरकार के खिलाफ सचिन पायलट ने धरना शुरू कर दिया है। वहीं राजस्थान में धरनास्थल पर लगे पोस्टरों ने सियासी हचलच को और तेज कर दिया है। 

पोस्टर से गायब कांग्रेसी नेता
बता दें कि पायलट के धरना स्थल पर लगे पोस्टरों में राहुल-सोनिया के अलावा किसी भी कांग्रेस नेता का फोटो नहीं है। यह अनशन मंगलवार को 11 बजे शुरू हुआ। बताया जा रहा है कि शाम 4 बजे तक अनशन चलेगा। उम्मीद लगाई जा रही है कि पायलट शाम तक कोई अलग पॉलिटिकल भी लाइन ले सकते हैं। अनशन के बीच प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने जयपुर दौरा रद्द कर दिया है। बता दें कि वह पायलट से बातचीत करने के लिए जयपुर पहुंचने वाले थे। लेकिन इससे पहले ही सचिन पायलट ने रविवार को प्रेस कांफ्रेंस कर अनशन की घोषणा कर दी। 

आम समर्थकों को रखा साथ
अनशन में पायलट ने समर्थक मंत्रियों और विधायकों की जगह आम समर्थकों को साथ रखा है। वहीं प्रदेश प्रभारी रंधावा ने सोमवार देर रात एक बयान जारी किया। इस बयान में उन्होंने पायलट द्वारा उठाए गए इस कदम को पार्टी विरोधी बताया। उन्होंने बातचीत की पेशकश कर उन्हें कांग्रेस का मजबूत स्तंभ बताया था। बता दें कि सचिन पायलट के अनशन में शामिल होने के लिए प्रदेश भर से समर्थक जयपुर पहुंचे हैं। बता दें कि कांग्रेस राज में अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन दो दशक में यह पहला मौका है। अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन की घोषणा करके सचिन पायलट ने राजनीतिक हलकों में चर्चाएं छेड़ दी हैं। 

सियासी लाइन साफ कर सकते हैं पायलट
सचिन पायलट के इस फैसले को लेकर जानकारों के दो मत हैं। जिनमें पहला मत में पायलट के कांग्रेस में रहकर ही गहलोत के खिलाफ अभियान छेड़े रखने का दावा किय़ा है। वहीं राजनीतिक जानकारों के दूसरे मत का कहना है कि सचिन पायलट कांग्रेस का साथ छोड़कर अपनी पार्टी बना सकते हैं। दूसरे मत को बल अधिक मिलने का एक कारण यह भी है कि जिस तरह से सचिन पायलट ने वसुंधरा राजे और BJP के भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाया है। उससे पायलट के तीसरे मोर्चे की ओर रुझान देखने को मिल रहा है। हालांकि जानकारों का यह भी मानना है कि पायलट ने सियासी लाइन साफ करने के लिए पार्टी के खिलाफ अपनी चुप्पी तोड़ी है।

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