केंद्र सरकार की तरफ से स्वरोजगार को बढ़ाने के लिए कई सारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन कल्याणकारी योजनाओं के जरिए सरकार की कोशिश स्वरोजगार को बढ़ावा देना है। केंद्र की मोदी सरकार युवाओं को स्वयं रोजगार शुरू करने और दूसरों के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करने के अवसर दे रही है। बता दें कि मोदी सरकार ने ऐसी ही एक रेहड़ी-पटरी लगाने वाले के लिए एक योजना शुरू की गई है। केंद्र सरकार की इस योजना का नाम पीएम स्वनिधि योजना है।
पीएम स्वनिधि योजना
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत केंद्र की मोदी सरकार ने पीएम स्वनिधि योजना को शुरू किया। केंद्र सरकार की इस योजना के माध्यम से रेहड़ी-पटरी लगाने वालों को कुछ गिरवी रखे बिना क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी जाती है। आपको बता दें कि कोरोना महामारी के दौरान जून 2020 में इस योजना को शुरू किया गया था।
50 हजार तक लोन सुविधा
इस योजना के तहत रेहड़ी-पटरी लगाने वालों को सरकार तीन अगल-अगल किस्तों में 10,000 रुपये से लेकर 50,000 रुपये तक का लोन दे रही है। जिससे कि रेहड़ी-पटरी लगाने वालों की वर्किंग कैपिटल को पूरा किया जा सके। इस योजना के तहत पहली बार में 10 हजार रुपए का लोन दिया जाता है। जिसे 12 महीने में वापस करना होता है। पहले लोन को चुका देने के बाद आपको दूसरी बार में 20 हजार का लोन और तीसरी बार में 50 हजार रुपए तक लोन मिलता है।
इतनी मिलेगी सब्सिडी
जो भी लोन आप ले रहे हैं, उसे समय पर चुकाने पर आपको सरकार की तरफ से अदा की गई ब्याज पर 7 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है।
मिलेगा कैशबैक
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत सरकार डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा दे रही है। अगर यह लोन लेने वाला वेंडर डिजिटल लेनदेन करता है, तो उसको 25 रुपए से और उससे ऊपर के लेनदेन पर कैशबैक मिलता है। इस तरह से आप एक महीने में 100 रुपए तक कैशबैक प्राप्त कर सकते हैं। इस पीएम स्वनिधि योजना की ऑफिशियल वेबसाइट के अनुसार, अब तक इस योजना के तहत सरकार 69 लाख के करीब वेंडर्स को लोन जारी कर चुकी हैं।
पीएम स्वनिधि योजना का उद्देश्य
बता दें कि यह एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है। यह निम्न उद्देश्यों के साथ ही आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा पूरी तरह से वित्त पोषित है। इसका मुख्य उद्देश्य इस प्रकार है-
10,000 रुपये तक कार्यशील पूंजी ऋण की सुविधा प्रदान करना
नियमित पुनर्भुगतान को प्रोत्साहित करना
डिजिटल लेनदेन को पुरस्कृत करना
यह योजना न मुख्य उद्देश्य स्ट्रीट वेंडरों को औपचारिक बनाने में मदद करना है। यह योजना इस क्षेत्र के स्ट्रीट वेंडरों को आर्थिक सीढ़ी पर आगे बढ़ने के नए अवसर भी खोलेगी।