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आगामी चुनाव को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने चन्नी पर लगाया दांव, इन वजहों से दावेदारी हुई मजबूत

By LSChunav | Sep 20, 2021

पंजाब में कांग्रेस विधायक दल के नेता चरणजीत सिंह चन्नी ने सोमवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। चन्नी पंजाब में मुख्यमंत्री बनने वाले दलित समुदाय के पहले व्यक्ति हैं। उनके साथ सुखजिंदर सिंह रंधावा और ओम प्रकाश सोनी ने भी मंत्री पद की शपथ ली, जो राज्य के उप मुख्यमंत्री हो सकते हैं। रंधावा जट सिख और सोनी हिंदू समुदाय से आते हैं। पंजाब में 32 फीसदी दलित आबादी है। जबकि जट सिखों की आबादी 25 फीसदी है। इसके बावजूद प्रदेश की राजनीति में दलित और जट सिखों का बहुत बड़ा योगदान रहता है। ऐसे में कांग्रेस ने आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए इन्हें साधने की कोशिश की है। आपको बता दें कि कांग्रेस के पास 20 दलित विधायक हैं हालांकि तीन ही विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह मिली थी लेकिन कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ ही उनके मंत्रिमंडल ने शनिवार को इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने चरणजीत सिंह चन्नी को चुनकर प्रदेश में सभी की भागीदारी को समान रूप से वितरित करने की कोशिश की है।

विपक्ष के लिए एक काउंटर
बहुजन समाज पार्टी से हाथ मिला चुकी शिरोमणि अकाली दल और दलित विधायकों के वर्चस्व वाली आम आदमी पार्टी, दोनों ही सत्ता में आने पर दलित उपमुख्यमंत्री का वादा कर रही थीं। चन्नी को चुनकर कांग्रेस ने विपक्ष को बड़ा झटका दे दिया है और आगे की रणनीति भी साफ कर दी है।

एक सिख चेहरा
चन्नी सिर्फ दलित ही नहीं, बल्कि एक सिख भी हैं। कांग्रेस नेता अंबिका सोनी ने पहले सुनील जाखड़ को मुख्यमंत्री के रूप में चुनने के प्रस्ताव को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि एक पंजाबी सूबे (राज्य) में हिंदू सीएम नहीं हो सकता है। उनकी उम्मीदवारी का विरोध करते हुए जेल और सहकारिता मंत्री सुखविंदर सिंह रंधावा ने भी कहा था कि अगर वह एक गैर-सिख को सीएम बनने की अनुमति देते हैं, तो वह भावी पीढ़ी का सामना नहीं कर पाएंगे। ऐसे में चरणजीत सिंह चन्नी को सुनकर कांग्रेस ने सभी को चकित कर दिया।

असहमति से ग्रस्त पार्टी में स्वीकार्यता
चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाकर पार्टी को एकजुट करने की कोशिश की गई है। माना जा रहा है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह उन्हें निशाना नहीं बनाएंगे। हालांकि बीते दिनों उन्होंने चन्नी को विधायक दल का नेता चुने जाने पर आपत्ति दर्ज नहीं कराई।

सामूहिक अनुरोध
छात्र नेता के तौर पर राजनीतिक पारी की शुरुआत करने वाले चन्नी ने मुख् रूप से शिक्षा के क्षेत्र में काम किया है। अमरिंदर सिंह सरकार में उन्हें तकनीकी विभाग मिला हुआ था। इसके अलावा वह विपक्ष के भी नेता रह चुके हैं। तकनीकी शिक्षा मंत्री के रूप में चन्नी ने रोजगार, नए कॉलेज और कौशल केंद्र के लिए काफी काम किया है। वहीं उम्मीद जताई जा रही है चन्नी युवाओं के लिए काम करेंगे और उन्हें रोजगार मुहैया कराएंगे।
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