पूर्वोत्तर के राज्यों में बड़ी कामयाबी पाने के लिए राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरूकर दी हैं। बता दें कि मेघालय की दो संसदीय सीटों में एक तुरा लोकसभा सीट है। इस सीट पर असली लड़ाई कांग्रेस और एनसीपी और दिवंगत पीएम संगमा की नेशनल पीपल्स पार्टी (एनपीपी) के बीच देखने को मिलती है। पिछले कुछ लोकसभा चुनाव में जिस तरह से भाजपा ने पूर्वोत्तर के राज्यों में अपनी पकड़ बनाई है, जिसको देखने के बाद लगता है कि भाजपा बड़ी पार्टी बनकर उभर सकती है। वर्तमान समय में इस सीट पर NPP पार्टी के नेता कॉनरॉड संगमा सांसद हैं।
NPP प्रत्याशी कोनराड संगमा
हांलाकि कोनराड संगमा को राजनीति विरासत में मिली थी। उन्होंने साल 1990 में अपने पिता के प्रचार प्रबंधक के तौर पर राजनीति में प्रवेश किया था। वह मेघालय की सियासत के साथ ही देश की राजनीति में भी दिग्गज नेता माने जाते हैं। वह अपने पिता की तरह ही शक्तिशाली राजनेता के तौर पर उभरे और चुनाव दर चुनाव मजबूत होते गए। हांलाकि इस चुनावी रण में टीएमसी प्रत्याशी के उतरने से इस सीट पर मुकाबला काफी रोचक हो गया है।
कांग्रेस प्रत्याशी सालेंग ए संगमा
मेघालय की तुरा लोकसभा सीट से कांग्रेस ने सालेंग ए संगमा पर भरोसा जताया है। वह मेघालय में गैंबेग्रे विधानसभा सीट से तीन बार के विधायक रह चुके हैं। वह करीब 12 सालों से राजनीति के क्षेत्र में सक्रिय हैं। साल 2013 में पहली बार वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ चुनावी राजनीति में उतरे। इसके बाद मेघालय के गैंबेग्रे विधानसभा सीट से राकांपा ने उन्हें टिकट दिया। जिसमें उन्होंने जीत हासिल की।
फिर पिछले दिनों सालेंग ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी छोड़ दी और कांग्रेस में शामिल हो गए। इसके अलावा साल 2018 और 2023 के चुनावों में भी वह लगातार अपनी जीत कायम रखी। वर्तमान समय में वह विधानसभा में गैंबेग्रे सीट से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
टीएमसी प्रत्याशी जेनिथ संगमा
बता दें कि ममता बनर्जी ने मेघालय की तुरा सीट से अपना प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतारा है। टीएमसी ने नेता मुकुल संगमा के भाई जेनिथ संगमा को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। मेघालय विधानसभा की रंगसाकोना सीट से जेनिथ संगमा विधायक रह चुके हैं। वहीं इससे पहले उन्होंने टीएमसी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था। लेकिन इस दौरान उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।