छत्तीसगढ़ राज्य में फिलहाल कांग्रेस की सरकार सत्ता में काबिज है। बता दें कि चुनाव आयोग ने 7 नवंबर और 17 नवंबर को दो चरणों में चुनाव होने हैं। वहीं चुनाव परिणामों की घोषणा 3 दिसंबर को की जाएगी। ऐसे में कर्नाटक फतह करने के बाद कांग्रेस का पूरा फोकस उन राज्यों में पहले सत्ता बचाने पर है, जहां पर कांग्रेस की सरकार है। लेकिन राज्य में बढ़ रही बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर बीजेपी लगातार छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार पर हमलावर रही है। वहीं प्रदेश में पीएससी घोटाले को लेकर भी युवाओं के बीच खासी नाराजगी है।
बेरोजगारी कितना बड़ा मुद्दा
बता दें कि कांग्रेस की ओर से कहा गया था कि हर साल बेरोजगारी भत्ता जिसे वह स्टाइपेंड भी कहते हैं, उसे 3 हजार करोड़ का प्रावधान बजट में करेंगे। लेकिन छत्तीसगढड में युवाओं को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। राज्य में इस समय करीब 18 लाख पंजीकृत बेरोजगार हैं। इसका सीधा मतलब है कि राज्य में करीब 18 लाख लोगों के पास रोजगार नहीं है।
रोजगार को लेकर होते रहे हैं प्रदर्शन
राज्य में बेरोजगारी को लेकर समय-समय पर प्रदर्शन भी होते रहे हैं। जून के महीने में लोक सेवा आयोग ने 2021 सिविल सेवा परीक्षा के नतीजे जारी किए थे। उस दौरान भाजपा ने आरोप लगाया था कि लोक सेवा आयोग ने 2021 सिविल सेवा परीक्षा के नतीजों की लिस्ट में कांग्रेस सरकारी अफसरों के रिश्तेदारों के नाम हैं। इतना ही नहीं कुछ समय पहले कई युवाओं ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के जरिए सरकारी नौकरी पाने वालों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग करते हुए नग्न प्रदर्शन किया था।
जब युवाओं द्वारा किए जा रहे इस प्रदर्शन के बाद मामले की जांच की गई तो राज्य सरकार की जांच समिति ने पाया कि 267 सरकारी कमर्चारी फर्जी जाति प्रमाण पत्र का उपयोग कर नौकरी कर रहे थे। लेकिन अभी तक इन लोगों पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
कितने वोटों पर असरदार हैं युवा
बता दें कि साल 2018 में छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनावों पर एक नजर डालें तो राज्य में कुल 1.81 करोड़ मतदाता हैं। वहीं साल 2023 में इन विधानसभा चुनावों में मतदाताओं की संख्या 1.94 करोड़ से ज्यादा हो गई है। वहीं 13 लाख से ज्यादा वोटर्स इस साल होने वाले चुनाव में पहली बार वोट देंगे