आसाम भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों में से एक है। इसे असम भी कहा जाता है। भूटान और बांग्लादेश की सीमाएं असम से होकर गुजरती हैं। इस राज्य के इतिहास में जाएं तो असम नाम संस्कृत से लिया गया है जिसका मतलब ऐसी जमीन से है जो समतल नहीं होती। पौराणिक कथाओं में भी असम का उल्लेख दिखाई देता है। कहा जाता है कि महाभारत काल में भगवान श्रीकृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध असम की युवती उषा पर मोहित हो गए थे जिसके बाद उन्होंने युवती का अपहरण कर लिया था। यहां की संस्कृति में यह कथा काफी प्रचलित है। ब्रह्मपुत्र असम की प्रमुख नदियों में से एक है जो लगभग पूर्व पश्चिम में प्रवाहित होती है। बारिश के समय में नदी का जलमार्ग कुछ हिस्सों में 8 किमी तक चौड़ा हो जाता है और इसकी 35 सहायक नदियां भी हैं।
हमेशा से असम को बाढ़ और भूकंप की समस्याओं से जूझना पड़ा है। हर वर्ष करोड़ों रुपए की क्षति महज इन्हीं दो समस्याओं की वजह से होती है। हालांकि कृषि के मामले में राज्य के पास चाय, जूट तथा गन्ना जैसी औद्योगिक फसलें हैं। राज्य में खेती के लिए इस्तेमाल की जाने वाली जमीन का करीब 65 फीसदी हिस्सा महज चाय के बागानों में लिप्त है। इतना ही नहीं सबसे बड़ी बात तो यह है कि हिन्दुस्तान के छोटे-बड़े 7,100 बागानों में से करीब 700 बागान तो असम में भी स्थित हैं। इसके अतिरिक्त अर्थव्यवस्था के मामले में असम से हिन्दुस्तान को सबसे अधिक खनिज तेल की प्राप्ति होती है।