लोकसभा चुनाव के करीब आने के साथ ही चुनावी सरगर्मी शुरू हो गई है। पूर्वी चंपारण लोकसभा क्षेत्र में भी विभिन्न दलों के संभावित प्रत्याशी टिकट दावेदारी एवं चुनावी तैयारी में लग गए हैं। बिहार में पूर्वी चंपारण लोकसभा क्षेत्र खास और महत्वपूर्ण इसलिए माना जाता है क्योंकि इस क्षेत्र के भाजपा सासंद राधामोहन सिंह भारत सरकार के केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री हैं तथा पांच बार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
आजादी के बाद से इस सीट पर कांग्रेस का वर्चस्व रहा था। इस सीट पर कांग्रेस लगातार पांच बार चुनाव जीती थी। इस सीट पर कांग्रेस के विभूति मिश्रा पांच बार सांसद रहे। 1977 में जनता पार्टी के उम्मीदवार ठाकुर रामापति सिंह ने पहली बार इस सीट पर कब्जा जमाया। 1989 में भाजपा ने अपने पुराने कार्यकर्ता और संघ से जुड़े राधा मोहन सिंह पर भरोसा जताया और उन्होंने इस भरोसे को जीत में तब्दील किया। 2008 में हुए परिसीमन से पहले इस सीट को मोतिहारी के नाम से जाना जाता था। चंपारण का नाम चंपा+अरण्य से मिलकर बना है जिसका अर्थ होता है चंपा के पेड़ों से आच्....