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गुना

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तीखे बयान

  • मतदान की तारीख: 12 मई
  • जनसंख्या: 1605613
  • KRISHNA PAL SINGH "Dr. K. P. YADAV"
  • KRISHNA PAL SINGH "Dr. K. P. YADAV"
  • भारतीय जनता पार्टी

शिवपुरी

बमोरी

चंदेरी

पिछोर

गुना

मुंगावली

कोलारस

अशोक नगर

गुना लोकसभा सीट पर पहला चुनाव 1957 में हुआ जिसमें विजयाराजे सिंधिया ने जीत हासिल की थी। दो चुनाव में जीत हासिल करने वाली कांग्रेस को 1967 के उपचुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा। 1971 में विजयाराजे के बेटे माधवराव सिंधिया ने जनसंघ के टिकट पर यहां से चुनाव लड़ा और जीत गए। 1977 के चुनाव में वह यहां से निर्दलीय लड़े और 80 हजार वोटों से बीएलडी के गुरुबख्स सिंह को हराया।

इसके बाद 1980 में माधवराव सींधिया कांग्रेस के टिकट पर यहां जीते। वह लगातार 3 चुनाव जीतने में सफल रहे। 1989 के चुनाव में यहां से विजयाराजे सिंधिया बीजेपी के टिकट पर मैदान में उतरी और जीतने में सफल रही। उन्होंने लगातार 4 चुनाव जीते। 1999 में माधवराव सींधिया फिर से इस सीट से चुनाव लड़े और जीतने में सफल रहे। 2001 में उनके निधन के बाद हुए उपचुनाव में उनके बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया यहां से लड़े और जीत गए। तब से लेकर आजतक यह सीट उनके ही पास है। 2011 की जनगणना के मुताबिक गुना की जनसंख्या 24,93,675 है। चुनाव आयोग के आंकड़ो के अनुसार, 2014 के लोकसभा चुनाव में यहा मतदाताओं की कुल संख्या 16,05,619 थी जिसमें 7,48,291 महिलाएं और 8,57,328 पुरुष मतदाता शामिल थे। 

 


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ग्वालियर की तरह ही गुना लोकसभा सीट पर भी ज़्यादातर सिंधिया परिवार का राज रहा है। 'ग्वालियर की राजमाता' विजयाराजे सिंधिया, माधवराव सिंधिया और ज्योतिरादित्य सिंधिया ही इस सीट पर ज्यादातर जीते हैं। आए हैं। पिछले 4 चुनावों से इस सीट पर कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया जीतते आ रहे हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी के जयभान सिंह को 1,20,792 वोटों से हराया था। सिंधिया को 5,17,036 वोट मिले, जबकि जयभान को 3,96,244 वोट मिले थे।गुना लोकसभा सीट के अंतर्गत विधानसभा की 8 सीटें आती हैं।

शिवपुरी

बमोरी

चंदेरी

पिछोर

गुना

मुंगावली

कोलारस

अशोक नगर

गुना लोकसभा सीट पर पहला चुनाव 1957 में हुआ जिसमें विजयाराजे सिंधिया ने जीत हासिल की थी। दो चुनाव में जीत हासिल करने वाली कांग्रेस को 1967 के उपचुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा। 1971 में विजयाराजे के बेटे माधवराव सिंधिया ने जनसंघ के टिकट पर यहां से चुनाव लड़ा और जीत गए। 1977 के चुनाव में वह यहां से निर्दलीय लड़े और 80 हजार वोटों से बीएलडी के गुरुबख्स सिंह को हराय....

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