भारत के पूर्वी भाग में स्थित राज्य पश्चिम बंगाल है। पश्चिम बंगाल का इतिहास करीब 4000 साल पुराना है। साल 1905 में अंग्रेजों ने एक बार फूट डालो-राज करो की नीति अपनाते हुए बंगाल का विभाजन कर दिया था। लेकिन कांग्रेस के नेतृत्व में साल 1911 में जनता के आक्रोश के कारण बंगाल को फिर से एक कर दिया गया था। इन सब से स्वतंत्रता आंदोलन आग और तेजी से भड़की। जिसका नतीजा यह निकला कि साल 1947 में भारत ने आदाजी की किरण देखी। देश को आजादी मिलने से पहले इसे बंगाल नाम से जाना जाता था। साल 1937 में बंगाल को स्वायत्त प्रान्त बना दिया गया था। बंगाल के जिस पूर्वी भाग में मुस्लिमों की संख्या ज्यादा थी, उसे पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान का बांग्लादेश) बना दिया गया। साथ ही इसके पश्चिमी हिस्से को पश्चिम बंगाल घोषित कर दिया गया।
जातीय समीकरण
पश्चिम बंगाल में 79 अनुसूचित जाति और 17 अनुसूचित जनजाति के लोग हैं। राज्य में अनुसूचित जाति के लिए 68 और जनजाति के लिए 16 सीटें आरक्षित हैं। राज्य में अगड़ी जाति में मुख्य रूप से ब्राह्मण, वैद्य और कायस्थ आते हैं। हांलाकि कुल हिंदू आबादी में इनका हिस्सा 20 फीसदी से भी कम है। पश्चिम बंगाल भारत का चौथा सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है। पश्चिम बंगाल में संस्कृति और राजनीति में ऊंची जाति का बोलबाला अधिक है। राज्य में सबसे ज्यादा ओबीसी वर्ग के लोग हैं। वहीं राज्य की वर्तमान जनसंख्या की बात की जाए, तो साल 2023 में पश्चिम बंगाल की अनुमानित जनसंख्या 100,896,618 है। जिसमें पुरुषों की अनुमानित जनसंख्या 51,741,855 और महिलाओं की अनुमानित जनसंख्या 49,154,762 है।