केरल एक ऐसा राज्य जहां की राजनीति ने दक्षिण का माहौल देश के सामने रखा है। इसीलिए इस राज्य को राजनीतिक प्रयोगशाला भी कहा जाता है। हाल के वर्षों में केरल का नाम विश्वभर में प्रख्यात रहा वजह थी सबरीमाला मंदिर विवाद। हालांकि इतिहास की बात करें तो पहली बार यहां पर मशीनी मतपेटी का प्रयोग हुआ था। बता दें कि यहां की मुख्य भाषा मलयालम है। अपनी भाषाओं की वजह से पहचान बनाने वाले दक्षिण के चार राज्यों में केरल का स्थान सबसे ऊपर रहा।
पुराणों की मानें तो केरल का जन्म उस समय हुआ जब परशुराम ने अपना फरसा समुद्र में फेंका था जिसकी वजह से उतने ही आकार की जमीन समुद्र से बाहर निकली और केरल अस्तित्व में आया। इसी वजह से केरल का शाब्दिक अर्थ- ऐसा भूभाग जो समुद्र से बाहर निकला हो माना जाता है।
प्रारंभिक राजनीतिक परिदृश्य
केरल में विधानसभा की 140 सीटें एवं लोकसभा की 20 सीटें मौजूद हैं। बता दें कि केरल विधानसभा का पहला चुनाव 1957 में हुआ, जिसके बाद ईएमएस नंबूदरीपाद प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बने। हालांकि वामपंथी विचारधारा वाली यह ....