लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने ही वाला है। प्रत्येक दल अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरने के कार्य में लगे हैं। ऐसे में बात करें बिहार के मधुबनी लोकसभा क्षेत्र की तो अपनी चित्रकला के लिए मशहूर यह शहर मिथिलांचल का अभिन्न अंग माना जाता है। वैसे यह शहर मखाना, लीची और आम के लिए भी मशहूर है। इस जिले का गठन 1972 में दरभंगा जिले के विभाजन के बाद हुआ। कहा जाता है कि प्राचीन काल में यहां के वनों में मधु यानि शहद पाए जाते थे इसलिए इस जगह का नाम मधुवनी से मधुबनी हो गया। 2014 के आम चुनाव में भाजपा के हुकुमदेव नारायण यादव ने राजद के अब्दुल बारी सिद्दीकी को हराकर यह सीट जीती थी। हुकुमदेव नारायण यादव को 3 लाख 58 हजार 40 वोट जबकि अब्दुल बारी सिद्दीकी को 3 लाख 37 हजार 505 वोट हासिल हुए थे। इसके अलावा जदयू के गुलाम गौस 56 हजार 392 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे।
इस सीट पर 1957 में कांग्रेस के श्याम नारायण सिंह ने जीत दर्ज की थी। साल 1977 में इस सीट से हुकुमदेव नारायण सिंह जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते। मधुबनी की इस सीट पर वामपंथ का भी कब्जा कई बार रहा ह....