बिहार क्या पूरे देश में गोपालगंज की अलग पहचान रही है। थावे में माता जी का ऐतिहासिक मंदिर, गोपालगंज की चीनी मिलों में गन्ने के रस से निकली चीनी की मिठास, लालू प्रसाद का फुलवारिया गांव, भूतपूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल गफूर का सरेयां अख्तियार गांव। गोपालगंज की धरती पर चंद्रिका राम जैसे महापुरुष का जन्म हुआ, जो भारतीय संविधान सभा के सदस्य रहे। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के जनक राम ने कांग्रेस की डॉ. ज्योति कुमारी और जदयू के अनिल कुमार को मात देते हुए इस सीट पर जीत दर्ज की थी। जनक राम को 4,78,773 जबकि ज्योति कुमारी को 1,91,837 और अनिल कुमार को 1,00,419 वोट हासिल हुए थे।
1951-52 में सारण दक्षिण लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी द्वारिका नाथ तिवारी चुनाव जीते। उस समय सारण दक्षिण में ही गोपालगंज शामिल था। 1976 में गोपालगंज सारण से अलग होकर जिला बना। गोपालगंज संसदीय क्षेत्र के तहत विधानसभा की छह सीटें आती हैं।
बैकुंठपुर
बरौली
गोपालगंज
कुचाइकोट
भोटे
हथुआ
गोपालगंज की छह विधानसभा सीटों में ....