विदर्भ की इस सीट से कभी पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव भी चुनाव जीत चुके हैं। वह 1984 और 1989 में यहां से जीते थे। इस सीट पर शिवसेना का दबदबा माना जाता है, लेकिन शिवसेना से पहले यह कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी। 2014 के लोकसभा चुनाव में शिवसेना के कृपाल तुमाने चुनाव जीते थे। यह सीट अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित है।
यह लोकसभा सीट 1957 में अस्तित्व में आई और शिवसेना पहली बार 1999 में यहां से जीतने में सफल रही। इससे पहले यहां कांग्रेस का राज था। 1957 से लेकर 1998 तक यहां कांग्रेस ही जीत दर्ज करती रही। सबसे पहला लोकसभा चुनाव कृष्ण राव गुलाबराव देशमुख ने जीता था, फिर 1962 में माधवराव भगवंत राव पाटिल, 1967 और 1971 में अमृत गणपत सोनार लगातार दो बार जीतने में सफल रहे। रामटेक संसदीय क्षेत्र के तहत 6 निर्वाचन क्षेत्र आते हैं।
काटोल
सावनेर
हिंगणा
उमरेड
कामठी
रामटेक
इस सीट से पहली बार 1999 में शिवसेना के सुबोध मोहिते सांसद जीते थे। सुबोध मोहिते 2004 में भी यहां से जीतने में सफल रहे। फिर मोहिते ने शिवसेना छोड....