देश की राजनीति के लिए इस सीट को बेहद शुभ माना जाता है। इस सीट लेकर चर्चा है, यहां से सत्ता का रास्ता तय होता है। अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित इस सीट पर जिस पार्टी को जीत मिलती है, वही केंद्र में सरकार बनाती है। पिछले कई चुनावों में ऐसा देखने को मिला है। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा के केसी पटेल को 6 लाख 17 हजार 772 वोट हासिल हुए थे वहीं कांग्रेस के किशनभाई पटेल 4 लाख 9 हजार 768 मत प्राप्त हुए थे।
वलसाड के राजनीतिक इतिहास पर नजर डालें तो पहले यह सीट बुलसर के नाम से जानी जाती थी। 1957 से 1967 के लोकसभा चुनाव तक यहां लगातार कांग्रेस को जीत मिलती रही और नानूभाई पटेल सांसद बने। इसके बाद 1971 में मोरारजी देसाई वाली कांग्रेस के टिकट पर नानूभाई पटेल ने जीत दर्ज की। 1977 में जनता पार्टी को इस सीट पर जीत मिली लेकिन प्रत्याशी इस बार भी नानूभाई पटेल ही थे। 1980 में इंदिरा गांधी वाली कांग्रेस ने बाजी मारी। 1984 में उत्तम पटेल विजयी हुए।
1989 में फिर जनता दल के अर्जुन भाई पटेल ने चुनाव जीता। इसके बाद 1991 में कांग्रेस के उ....