महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में आने वाली येलोकसभा सीट शिवसेना का गढ़ मानी जाती है। करीब दो दशक से यहां शिवसेना ही सत्ता में है। 2014 में हुए चुनाव में शिवसेना के प्रताप राव जाधव ने एनसीपी के कृष्ण राव इंगले हराकर कुर्सी पर कब्जा किया था। प्रताप राव पिछले दो लोकसभा चुनाव से लगातार जीत रहे है, हो सकता है शिवसेना इस बार भी उन्हें मैदान में उतारे। बुलढ़ाणा निर्वाचन क्षेत्र के तहत 6 विधानसभी सीटें आती हैं।
बुलढाणा
चिखली
सिंधखेड राजा
मेहकर
खामगांव
जलगांव जामोद
शिवसेना से पहले इस सीट पर कांग्रेस ने 40 सालों तक राज किया। 1951 में यहां पहली बार चुनाव हुए थे। बुलढाणा लोकसभा सीट पर कभी दो सांसद हुआ करते थे। दरअसल, आजादी के बाद देश में हुए पहले दो आम चुनावों में विदर्भ के भंडारा, अकोला व बुलढाणा निर्वाचन क्षेत्रों से एक साथ दो-दो सांसद चुने जाते थे जिसमें से एक आरक्षित वर्ग और दूसरा सामान्य वर्ग का होता था, लेकिन 1957 में हुए दूसरे आम चुनाव में बुलढाणा से आरक्षित सीट खत्म कर दी गई। 1957 के लोकसभा....